Ramashwamegh Uttar Ramayan Hindi Book – Yah pustak Dr. Vidyadhar Mishra ke dvara anuvadit hai. Is pustak ka kul size 23.74 MB hai aur kul pristho ki sankhya 809 hai. Niche diye hue link se is pustak ko aasani se download kr skte hai aur muft me pdh skte hai. Agr aap is pustak ki hard copy lena chahte hai to niche hm Amazon ka link bhi provide kr rhe hai aap vha se esaily is pustak ko khrid skte hai. Pustke hmari sachchi mitr hoti hai aur Freehindibook.com pr aapko hjaro pustke muft me pdhne ko mil jayengi.
Pustak ka ek Ansh
‘राज्ञ: एवं सूयं कम ।! राजा वे रायसूयेन इष्टवा भवति ।–अर्थात् राजसूय से ही राजा होता है। इसी क्रम में ‘अश्वमेध’ यज्ञ की व्याख्या करते हुए शतपथ ब्राह्मण में स्पष्ट कहा गया है कि सभी देवता अश्वमेध में आते हैं अश्व- मेघ करने वाला सभी दिशाओं को जीतने वाला हो जाता है। ऐश्वर्य ही राज्य है और राष्ट् ही अश्वमेध है एतदर्थ सम्राट के लिए अद्वमेध यज्ञ अवश्य करणीय है । वेदों में गोमेघ यज्ञ’ के माध्यम से समस्त पृथ्वी को मातृत्व-भाव से सम्पन्न करने का जहाँ मूल स्वर उच्चरित क्रिया गया है वहीं “अश्वमेध’ यज्ञ के द्वारा सावेभौम चक्रवर्ती राज्य के मंत्र को अनुगूजित किया गया है। वेदिक धर्म और वंदिक यज्ञों के प्रचार के लिए ही अश्वमेध यज्ञ आयोजित होते थे और साथ ही यज्ञ विद्वेषी अनायों, म्लेच्छों को दण्ड देकर आयंधरम की पुनेस्थापना ही युद्ध का स्थाथी लक्ष्य होता था । ब्राह्मणो, पुराणों में विशेषतः महाभारत में ऐसे अनेकों चक्रवर्ती राजाओ और उनके द्वारा आयोजित अश्वमेध यज्ञों का वर्गन आता है। ऐतरेय ब्राह्मण में जनमेजय, पारिक्षित, शार्यात, मानव, शतनीक, सात्रजित, आम्बष्ठा, युधांश्रीष्ठि, सुदास, मरुत्त, भरत दौष्यन्ति, पाथ्चाल प्रभात राजाओं के अश्वमेध यज्ञ का प्रसग है। अश्वमेध यज्ञ झभी मनुष्यो को एक समान सुल-दुःख मे सम्मिलित करने के निमित्त, दुर्जंन राजाओ के यज्ञ विद्वषी म्लेच्छ विचारों के उच्छेद के शुभ उद्देश्य से आयोजित किये जाते रहे हैं। संक्षेप में यज्ञो का साभिप्राय सावंजनिक दु:खों का निवारण और लोकमगत की प्रतिष्ठा ही है। अनेक जातीयता की भावना के विपष्टीकरण और साम्यमाव की स्थापना के समथन में वेदों मे वर्णित यज्ञों का स्वर निहित है ।
Book Writer | Dr. Vidyadhar Mishra, Prof. Indrajeet Pandey |
Book Language | Hindi |
Book Size | 23.74 MB |
Total Pages | 809 |
Category | Religious - Hinduism |
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